रिकॉर्ड निचले स्तर से उबरा रुपया, अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 25 पैसे की बढ़त के साथ 83.84 पर खुला
मुंबई, 5 अगस्त 2024 — भारतीय रुपया आज थोड़ा सुधार दिखाते हुए अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 25 पैसे की बढ़त के साथ 83.84 पर खुला, जो इसके रिकॉर्ड निचले स्तर से उबरने का संकेत है।
हाल का प्रदर्शन
पिछले कारोबारी दिन में रुपया रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुँच गया था, जिससे बाजार सहभागियों में चिंता बढ़ गई थी। इस तेज गिरावट के पीछे भू-राजनीतिक तनाव, कच्चे तेल की बढ़ती कीमतें, और वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं जैसे कई कारक थे, जिन्होंने मुद्रा पर महत्वपूर्ण दबाव डाला था।
सुधार के कारण
आरबीआई का हस्तक्षेप: बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के समय पर विदेशी मुद्रा बाजार में हस्तक्षेप ने रुपये को स्थिर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। केंद्रीय बैंक ने गिरावट को रोकने के लिए डॉलर बेचे।
सकारात्मक बाजार भावना: घरेलू बाजार में हाल के सकारात्मक विकास के बाद निवेशकों की भावना में सुधार ने भी रुपये के सुधार में योगदान दिया। सरकार द्वारा आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए हाल ही में उठाए गए नीतिगत कदमों को अच्छी प्रतिक्रिया मिली है।
वैश्विक संकेत: अमेरिकी डॉलर सूचकांक में थोड़ी नरमी और वैश्विक कच्चे तेल की कीमतों में स्थिरता ने रुपये को कुछ राहत दी है।
बाजार की प्रतिक्रियाएं
विदेशी मुद्रा व्यापारी और विश्लेषक रुपये के सुधार का स्वागत कर रहे हैं, लेकिन वे मुद्रा के निकट भविष्य को लेकर सतर्क बने हुए हैं। एक वरिष्ठ विदेशी मुद्रा विश्लेषक ने कहा, "रुपये की वापसी एक सकारात्मक संकेत है, लेकिन इसकी गिरावट के पीछे के मूल कारक अभी भी बने हुए हैं। घरेलू और वैश्विक बाजारों में लगातार सकारात्मक रुझान देखने की जरूरत है ताकि और स्थिरता आ सके।"
आर्थिक प्रभाव
रुपये की रिकवरी भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए एक सकारात्मक विकास के रूप में देखी जा रही है। मजबूत रुपया आयात लागत को कम करने में मदद करता है, विशेष रूप से कच्चे तेल के लिए, जो मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने में सहायक हो सकता है। यह निवेशकों के विश्वास को भी बढ़ाता है, जिससे देश में अधिक विदेशी निवेश प्रोत्साहित हो सकते हैं।
निष्कर्ष
अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रिकॉर्ड निचले स्तर से उबरकर रुपया 25 पैसे की बढ़त के साथ 83.84 पर खुला है, जो भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए एक स्वागत योग्य राहत है। यह सुधार एक सकारात्मक संकेत है, लेकिन बाजार सहभागियों को रुपये के भविष्य के रुझान को समझने के लिए घरेलू और वैश्विक घटनाओं पर बारीकी से नजर रखनी होगी।